हर धर्म में प्रेम, करुणा, और भलाई का पोषक कोर है। बाहरी खोल में अंतर है, लेकिन भीतरी सार को महत्त्व दीजिये और कोई विवाद नहीं होगा। किसी चीज को दोष मत दीजिये, हर धर्म के सार को महत्त्व दीजिये और तब वास्तविक शांति और सद्भाव आएगा।
मैंने कुछ जानवरों और कई अन्य प्राणियों को मारने के खिलाफ कानून लागू किया है, लेकिन लोगों के बीच धर्म की सबसे बड़ी प्रगति जीवित प्राणियों को चोट न पहुंचाने और उन्हें मारने से बचने का उपदेश देने से आती है।
सभी इन्सान मेरे बच्चे हैं। जो मैं अपने बच्चों के लिए चाहता हूँ, मैं इस दुनिया में और इसके बाद भी उनका भला और ख़ुशी चाहता हूँ, वहीँ मैं हर इंसान के लिए चाहता हूँ। आप नहीं समझते हैं कि किस हद तक मैं ऐसा चाहता हूँ, और अगर कुछ लोग समझते हैं, तो वे ये नहीं समझते कि मेरी इस इच्छा की पूरी हद क्या है।
वह जो अपने सम्प्रदाय की महिमा बढाने के इरादे से उसका आदर करता है और दूसरों के संप्रदाय को नीचा दिखाता है, ऐसे कृत्यों से वह अपने ही सम्प्रदाय को गंभीर चोट पहुंचता है।
विभिन्न कारणों से अन्य धर्मों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने धर्म को विकसित करने में मदद करते हैं और दुसरे धर्मों को भी सेवा प्रदान करते हैं।